करंट अफेयर्स करियर धर्म

रेडक्लिफ बर्थडे : जिसे नक्शा तक नहीं पता था, उसने खींची भारत-पाक विभाजन रेखा

कुलदीप नैयर (Kuldepp Nayyar) के साथ एक चर्चित इंटरव्यू में रेडक्लिफ (Sir Radcliffe) ने यह रोचक फैक्ट बताया था कि विभाजन तय करने के दौरान किस तरह वो लाहौर (Lahore) को भारत के हिस्से में रख बैठे थे और क्यों फिर यह नगर पाकिस्तान को दिया.

भारत की आज़ादी (Freedom of India) की तमाम कार्यवाही करने के लिए नियुक्त किए गए ब्रिटिश राज के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबैटन (Lord Mountbatten) ने यह कहकर विभाजन की कवायद से पल्ला झाड़ लिया था कि पंजाबी और बंगाली अपने क्षेत्र के प्रति वफादारी जताते हैं तो ऐसे में हिंदुस्तानियों को खुद विभाजन के सवाल पर फैसला करना चाहिए. इसके बावजूद, 14 और 15 अगस्त 1947 की रात भारत बंटा (India Partition) और दो मुल्क, तीन हिस्सों में सामने आए. इन दो देशों के बीच जो विभाजन रेखा (Partition Line) आज तक बहुत अहम है, उसका ज़िम्मा एक अंग्रेज़ वकील को सौंपा गया था.

भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के ​बाद भारत, पूर्व पाकिस्तान और पश्चिम पाकिस्तान की सीमाएं तय करना कम टेढ़ी खीर नहीं था क्योंकि यह भविष्य के लिए तय किया जाने वाला काम था. इस जोखिम भरे काम के लिए ब्रिटेन ने अंग्रेज़ बैरिस्टर सीरिल रेडक्लिफ को नियुक्त किया था कि वो पंजाब और बंगाल के हिस्सों को भारत और पाकिस्तान के बीच बांटें. ताज्जुब यह था कि रेडक्लिफ इससे पहले न तो कभी भारत आए थे और उन्होंने न कुछ भारत के बारे में लिखा था.