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राहत : पारदर्शी मास्क का सफल ट्रायल , कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को रखेगा सुरक्षित

सीएसआईओ ने ट्रांसपेरेंट मास्क का दूसरा नमूना तैयार किया, पूरे चेहरे को कवर करेगा

मास्क की कीमत लगभग 200 से 300 रुपये के बीच रहने की उम्मीद

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक बताई जा रही है। उसी हिसाब से वैज्ञानिक भी अपने उपकरणों को धारदार बनाने की कोशिश में लगे है , ताकि बच्चे कोरोना का डटकर मुकाबला कर सकें। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) ने ट्रांसपेरेंट (पारदर्शी) मास्क का दूसरा नमूना तैयार किया है। इसके जरिए बच्चे अधिक सुरक्षित रह सकेंगे। इसका ट्रायल एक स्कूल में वैज्ञानिकों की टीम ने किया। यह ट्रायल उन बच्चों पर किया गया जो बोल नहीं सकते। इशारों से ही बात करते हैं। ये मास्क जून के आखिरी सप्ताह तक बाजारों में आ सकता है। इसके लिए सीएसआईओ का उत्तरप्रदेश की एक बड़ी कंपनी से करार भी हो चूका है।

ऐसा माना जा रहा है की कोरोना की तीसरी लहर के आने से पहले पूरे देश में मास्क पहुंचने की सम्भावना है
मास्क तैयार होने के बाद इसका प्रयोग सेक्टर- 18 स्थित लायन क्लब डीफ एंड डंब स्कूल के छात्रों पर किया गया। बच्चों पर प्रयोग इसलिए किया गया कि मास्क लगाने के बाद उन्हें सांस लेने में तो तकलीफ नहीं होगी । कई बच्चों पर इसका प्रयोग किया गया यह और सफल भी रहा। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले यह मास्क पूरे देश में पहुंचे । इस मास्क की कीमत लगभग 200 से 300 रूपये के मध्य रहने की उम्मीद है।