करियर

किसानो का आंदोलन हो सकता है खत्म,सरकार ने बनाई नई रणनीति प्यार से चले जाएँ किसान नहीं तो……

किसानो का आंदोलन हो सकता है खत्म,सरकार ने बनाई नई रणनीति प्यार से चले जाएँ किसान नहीं तो……

नई दिल्ली:-

किसानों और सरकार के बीच अभी तक नहीं निकला कोई हल
बड़े शहरों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। प्रदेशों में धारा 144 लगा दी गई है लोगों को एक जगह पर जमा ना होने की दी जा रही है हिदायते धरना देकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर इसका नहीं दिख रहा असर ।

नई दिल्ली,। देश के तमाम बड़े शहरों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रदेशों में धारा 144 लगा दी गई है जिससे लोग एक जगह पर जमा न हो सके जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके मगर दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर इसका असर नहीं दिख रहा है। ऐसे में अब सरकार ने यहां से इनको हटाने के लिए रणनीति बना ली है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कई दौर की बातचीत भी बेनतीजा साबित हुई है।

किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और सरकार अपनी बात पर अड़ी है। बीते 3 माह से अधिक समय से किसानों ने टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और यूपी गेट को घेर रखा है। सबसे अधिक समस्या टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर है। किसानों के धरना प्रदर्शन की वजह से यहां रोजाना 50 हजार से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं। अब तो इस इलाके के आसपास रहने वाले भी खासे परेशान नजर आने लगे है

एक दो बार तो स्थानीय लोगों ने भी इस धरना प्रदर्शन के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया है मगर कोई हल नहीं निकला। पेट्रोल पंपों पर तेल की बिक्री बंद हो चुकी है और छोटी छोटी दुकान व ढाबे बंद हो चुके है।

अब सरकार कम से कम दो बार इन किसानों को समझा-बुझाकर आंदोलन स्थल से स्वयं ही हट जाने के लिए मानाने की कोशिश करेगी । पहले चरण में बार्डर के साथ लगते जिलों के उपायुक्त इन किसानों से बातचीत करेंगे। फिर सरकार स्वयं अपने प्रतिनिधियों के जरिये बात करेगी। दो बार बातचीत करने के बाद यदि नहीं माने तो इन किसानों को पुलिस व अर्धसैनिक बलों के द्वरा हटाया जायेगा।
केंद्र व राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि पिछले साढ़े तीन माह से धरने पर बैठे यह आंदोलनकारी कोरोना संक्रमण का शिकार न हो जाएं। यदि वे संक्रमित होते हैं तो दूसरे लोगों में भी संक्रमण तेजी के साथ फैलने का खतरा बन सकता है । इसलिए सरकार चाहती है कि इन किसानों को प्यार से समझाकर आंदोलन स्थल से उठाया जाए। यदि वे बाद में आंदोलन करना चाहें तो उन्हें कोई एक जगह प्रदान की जा सकती है।

इन आंदोलनकारियों को धरना स्थलों से हटाने के लिए सरकार ने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। गृह मंत्रालय की ओर से टिकरी व सिंघु बार्डर का हवाई सर्वेक्षण भी कराया जा चुका है। सीआइडी व अन्य गुप्तचर एजेंसियों ने भी इन किसानों की संख्या के बारे में सरकार को अपनी रिपोर्ट दे दी है। इन सबको शामिल करके रणनीति तैयार कर ली गई है, अब अगले चरण में प्यार से हटने के लिए कहा जाएगा उसके बाद बल प्रयोग करके स्थल खाली करवाया जाएगा। क्योंकि सरकार के पास अब इसके अलावा कोई चारा नहीं बच रहा है।