कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर चल रहे आंदोलन में मंगलवार शाम एक आंदोलनकारी की मौत हो गई। शव को सोनीपत के नागरिक अस्पताल में भिजवाया पुलिस फिलहाल मामलें की जांच कर रही हैं। बलबीर सिंह (51) पंजाब के पटियाला जिले के शकरपुर का निवासी बताया जा रहा है। बलबीर सिंह पिछले काफी दिनों से कुंडली बार्डर पर चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन में शामिल थे। वे केएमपी-केजीपी के जीरो पॉइंट के पास टेंट में दूसरे साथियों के साथ रहते थे।
बताया जाता है कि कुछ दिनों से उनकी तबियत खराब थी और उन्हें बुखार था। मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर थाना राई पुलिस ने शव को सोनीपत के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया है।
बलबीर सिंह को पिछले काफी दिनों से बुखार आया हुआ था। बताया जाता है कि उनमें कोरोना लक्षण दिखाई दे रहे थे। आंदोलनस्थल में काफी ऐसे किसान है, जिनको काफी समय से बुखार है, लेकिन वे कोरोना की जांच नही करवा रहे हैं। आन्दोलनस्थल पर बने अस्पताल में भी रोजाना दर्जनभर आंदोलनकारी बुखार से पीड़ित आ रहे है। आंदोलनकारियों की यह लापरवाही अन्य लोगों की मुसीबते भी बढ़ा सकती हैं।
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से दिल्ली-हरियाणा की सीमाओं पर लंबे समय से प्रदर्शन चल रहा है। कोरोना की वजह से सरकार द्वारा आंदोलन खत्म करने की अपील भी कई बार की गई है लेकिन प्रदर्शनकारी धरने पर डटे हैं। वहीं किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले, जबकि केंद्र का कहना है कि अगर कानून में खामी होगी तो दूर किया जाएगा लेकिन इसे वापस लेने का कोई सवाल ही नही उठता। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन समाधान नही निकल पाया।
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